SINGRAULI NEWS : लंघाडोल पुलिस के संरक्षण में हो रहा रेत का अवैध उत्खनन व परिवहन नहीं लग रहा विराम

SINGRAULI NEWS : लंघाडोल पुलिस के संरक्षण में हो रहा रेत का अवैध उत्खनन व परिवहन नहीं लग रहा विराम

 

सिंगरौली जिले की लंघाढोल थाना इन दिनों काफी सुर्खियों में है थाने के सामने से रोज निकलती है लगभग दर्जनों अवैध रेत से लदी ट्रैक्टर टालियां

नवागत पुलिस अधीक्षक से जनता की बढी उम्मिद ।

SINGRAULI NEWS : लंघाडोल थाना क्षेत्र में इन दिनों रेत का अवैध कारोबार तेजी से चल रहा है क्षेत्र की नदियों से रोजाना दर्जनों ट्रैक्टर टालियो से रेत बिना रॉयल्टी के निकाली जा रही है हैरानी की बात तो यह है कि दर्जनो रेत की टालियां रोजाना थाने के सामने से निकलती है पर पुलिस कोई पूछताछ तक नहीं करती जबकि रेत माफिया रात में नदी से रेत निकाल कर नदियों को खोखला कर रहे हैं इससे पुलिस की साफ मिली भगत नजर आती है। रेत माफियाओं के द्वारा थाना क्षेत्र में चल रहे निर्माण कार्यों में रेत को ऊंचे दामों में बेचा जा रहा है वही

गांव के लोगों ने बताया कि शाम होते ही थाना क्षेत्र में ट्रैक्टर टालियो से अवैध रेत का परिवहन शुरू कर दिया जाता है दर्जनों मजदूर रेत की निकासी करते हैं इस संबंध में थाना से संपर्क करने का प्रयास किया गया है लेकिन पुलिस द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं की जाती।

लंघाढोल पुलिस के नाक के नीचे से रेत का अवैध परिवहन चला आ रहा है लेकिन कमीशन बाजी के चक्कर में पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती ‌। चौक चौराहों पर थाने की डायल हंड्रेड खड़ी रहती है थाने में पुलिसकर्मी भी खड़े रहते हैं इसी दौरान ट्रैक्टर द्वारा रेत की निकासी की जाती है लेकिन पुलिस ने किसी को भी नहीं रोका।

नवागत पुलिस अधीक्षक से जागी जनता की उम्मीद

जिले में आए नवागत पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री ने पदभार ग्रहण कर लिया है जिसके बाद से लंघाढोल थाना क्षेत्र की जनता को यह उम्मीद लगी है कि नवागत पुलिस अधीक्षक द्वारा इन अवैध कार्यकारियों पर लगाम कशी जाएगी लेकिन हफ्ते भर बीतने के बाद भी इन पर अब तक कोई भी अंकुश लगाने के निर्देश जारी नहीं किए गए हैं ‌।जिसके बाद जनता अभी आस लगाए बैठी है कि हो ना हो पुलिस अधीक्षक का ध्यान पड़ेगा और इन अवैध रेत कारोबारी पर कार्रवाई की जाएगी।

अब देखना यह है कि नवागत पुलिस अधीक्षक के द्वारा इन अवैध रेत कारोबारी पर कार्रवाई होगी या लंघाढोल पुलिस द्वारा बनाए गए इन साठ गाठ से चल रहे कारोबार ऐसे ही फलते फूलते रहेंगे।

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