अनुपयोगी और खुले बोरवेलों को मजबूत लोहे के ढक्कनों से बंद कराये:- चन्द्रशेखर शुक्ला
सिंगरौली~: सीएम हेल्प लाईन में दर्ज शिकायतो का विभागीय अधिकारी तत्परता के साथ निराकरण करे ताकि शिकायतकर्ताओ को होने वाली समस्या का समाधान किया जा सके। तथा जिले में अनुपयोगी और खुले बोरवेलों को मजबूत लोहे के ढक्कनों से बंदर कराये ताकि इन बोरवेलो से होनी वाली आकस्मिक दुर्घटनो को शून्य किया जा सके। उक्त आशय के निर्देश कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित समय सीमा बैठक के दौरान कलेक्टर चन्द्रशेखर शुक्ला के द्वारा संबंधित उपखण्ड अधिकारियो को दिया गया।
कलेक्टर श्री शुक्ला के द्वारा सीएम हेल्प लाईन में लंबित शिकायतो की समीक्षा करते हुये निर्देश दिये कि विभागीय अधिकारी शिकायतकर्ता से सम्पर्क कर शिकायतो का निराकरण किया जाना सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियो के द्वारा तय समय सीमा में शिकायतो का निराकरण संतुष्टि पूर्वक नही किया गया संबंधित अधिकारी कि विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।उन्होने सभी उपखण्ड अधिकारियो को निर्देश दिये कि सीएम हेल्प लाईन मे राजस्व से संबंधित दर्ज शिकायतो का निराकरण अपने अमले से समय पर कराना सुनिश्चित करे। कलेक्टर द्वारा मार्च माह मे प्रदेश स्तर से जारी सीएम हेल्प लाईन रैकिंग में नगर निगम सिंगरौली को पहला स्थान प्राप्त करने पर नगर निगम आयुक्त को बधाई दी गई। उन्होंने कहा कि आगामी माहो में निगम द्वारा सीएम हेल्प लाईन में दर्ज शिकायतो का निराकरण कर पहला स्थान प्राप्त करेगा।
कलेक्टर ने जिले के खुले अनुपयोगी बोरवेलो की समीक्षा करते हुये समस्त उपखण्ड अधिकारियो को निर्देश दिये कि खुले बोरवेलों को मजबूत लोहे के ढक्कनों से बंद करने के कराये। उन्होंने ने सभी एसडीएम, सीएमओ, जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, उप संचालक कृषि तथा तहसीलदारों को इस संबंध में निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने कहा है कि अपने कार्यक्षेत्र के अनुपयोगी बोरवेल, कुंओं तथा अन्य खतरनाक जल स्त्रोतों को मजबूत ढक्कन से बंद कराकर निर्धारित प्रपत्र में प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। बोरवेल के खुले रहने, उसकी क्रेसिंग पाइप निकाल लेने अथवा पानी न रहने पर उसे खुला छोड़ देने पर इनसे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। इसे रोकने के लिए इन्हें बंद करने के तत्काल उपाय कराएं।
कलेक्टर ने कहा है कि विभिन्न शासकीय विभागों द्वारा शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल के लिए बड़ी संख्या में बोरवेल बनाए गए हैं। इनमें से जो बोरवेल अनुपयोगी हो गए हैं उनकी सूची बनाकर उन्हें मजबूती से बंद करने के उपाय करें। निजी भूमि स्वामियों द्वारा भी यदि बोरवेल, कुंआ अथवा अन्य जल स्त्रोत अनुपयोगी मानकर खुले छोड़ दिए गए हैं तो उनकी भी सूची बनाकर उन्हे लोहे के कैप से बंद कराने अथवा पाटने की कार्यवाही कराएं। जो कुंएं बिना जगत के हैं उनमें भी दुर्घटना की आशंका रहती है। ऐसे कुंओं को जाली लगाकर बंद कराएं। समस्त कार्यवाही सुनिश्चित कर उपखण्ड अधिकारी के माध्यम से नगरीय निकाय और ग्राम पंचायतें प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।
कलेक्टर ने पेयजल व्यवस्था ग्राम पंचायतो में नियमिति पेयजल व्यवस्था को सुनिश्चत करने के निर्देश दिये। उन्होने निर्देश दिये कि ग्राम पंचायतो मे उचित माध्यम जैसे ट्यबबेल, हैन्डपम्प नल जल योजना द्वारा पेयजल की उपलंब्ध कराया जाये। उन्होंने कहा हैन्डपंम्प खराब होने पर उनका सुधार कराये तथा उचित व्यवस्था न होने पर क्षेत्र में वाटर टैक के माध्यम से पेयजल मुहैया कराया जाये।
कलेक्टर ने कहा कि जिले खेल प्रतिभाओं को आगे बड़ाने के लिए जिले मे खेल मैदान होना आवश्य है। उन्होने कहा कि जिले मे एक सर्वसुविधायुक्त स्पोर्ट स्टेडियम का निर्माण कराया जाये जिसमे इनडोर तथा आउटडोर खेलो का आयोजन कराया जा सके। उन्होंने कहा कि इससे जिले की खेल प्रतिभाओं को आगे बड़ने में मदद मिलेगी।बैठक के दौरान जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी गजेन्द्र सिंह नागेश, अपर कलेक्टर अरविंद झा, संयुक्त कलेक्टर संजीव पाण्डेय, एसडीएम सिंगरौली सृजन बर्मा, एसडीएम माड़ा राजेश शुक्ला, आयुक्त नगर निगम डी.के शर्मा, डिप्टी कलेक्टर माइकेल तिर्की,नंदन तिवारी सहित जिलाधिकारी उपस्थित रहे।