सिंगरौली~: जिले में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है। आलम यह है कि दोपहर के समय सड़कों पर लोग दिखायी नहीं देते इस बीच जानलेवा गर्मी के मौसम में निजी विद्यालय के विद्यार्थी स्कूल जाने के लिए मजबूर हैं, मगर जैसे-जैसे गर्मी की तपिश बढ़ रही है पैरेंट्स में आक्रोश भी बढ़ता जा रहा है। पैरेंट्स कहते हैं, शासकीय स्कूलों में 1 मई से ग्रीष्मकालीन छुट्टी दे दी गई। कुछ निजी स्कूलों ने भी ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा कर बच्चों व अभिभावकों को बड़ी राहत दी है। ऐसे माहौल में ई-कोल इंटरनेशनल, डीपीएस स्कूल सहित कुछ अन्य निजी विद्यालयों ने ग्रीष्मकालीन अवकाश को लेकर अभी निर्णय नहीं लिया है।
सुबह से ही धूप तेज हो रही है। बस का इंतजार करते समय बच्चे पसीने से तरबतर हो जाते हैं। दोपहर में जब उनकी छुट्टी होती है तब सूर्य की किरणें सीधे सिर पर पड़ती हैं। लू से शरीर झुलसने लगता है। ऐसे वातावरण में बच्चों को स्कूल आने के लिए मजबूर करना सेहत के लिहाज से उचित नहीं है। उधर, कलेक्टर भी छुट्टी घोषित करने के लिए आदेश जारी नहीं कर रहे हैं। अभिभावकों ने कहा कि लू चलने के कारण दोपहर में सड़कें सूनी पड़ जा रही हैं, लेकिन स्कूली बच्चे बस से उतरने के बाद धूप में पैदल घर आ जा रहे हैं। यदि किसी बच्चे की तबीयत लू लगने से खराब हुई उस समय पैरेंट्स की स्थित क्या होगी इस बारे में स्कूल प्रबंधन को सोचना चाहिये। यदि बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं तो उनकी उपस्थिति कम हो जायेगी।
एक अविभावक ने बताया कि प्राइवेट स्कूल गर्मियों की छुट्टियों की फीस तो लेते ही है इसके साथ् ही विद्यालय वाहनों का मंथली किराया भी छुट्टी के दिनों में भी वसूलते हैं। अविभावक इस बात पर उंगली न उठाये इसलिए मई महीने में दो चार दिन स्कूल लगा देने व फिर जून महीने में दस दिन स्कूल संचालित कर देने से इन दो महीनों की भी वाहन शुल्क वसूल करने में कोई आवाज नहीं उठायेगा इसलिए निजी विद्यालय हर महीने को कवर करना चाहते हैं। निजी विद्यालयों की मनमानी का खामियाजा नन्हें नौनिहालों को भुगतना पड़ रहा है। अविभावकों ने जिला कलेक्टर से इस ममले में हस्तक्षेप करने की मांग की है।