भूमि अधिग्रहण के बावजूद नहीं मिला रोजगार, दर दर की ठोकर खाने को मजबूर है विस्थापित

भूमि अधिग्रहण के बावजूद नहीं मिला रोजगार, दर दर की ठोकर खाने को मजबूर है विस्थापित

भूमि अधिग्रहण के बावजूद नहीं मिला रोजगार, दर दर की ठोकर खाने को मजबूर है विस्थापित

सिंगरौली~:  एनसीएल की अमलोरी परियोजना से विस्थापित रामाशंकर शाहू तनय विश्वनाथ शाहू निवासी नौगढ़ वार्ड क्रमांक 45 की भूमि खाता क्रमांक 16 तथा पुस्तैनी मकान सन 1960-65 से बनाकर आबाद था। एनसीएल की अमलोरी परियेाजना द्वारा 1982-83 से एनसीएल अमलोरी परियोजना द्वारा अधिग्रहित किया गया है। उक्त भूमि ग्राम कोल भरूहा के नाम अंकित है। परन्तु कई आश्वासनों के बावजूद विस्थापित को किसी तरह का रोजगार प्रदान नहीं किया गया।
विस्थापित रामाशंकर ने बताया कि उसकी भूमि को पत्र क्रमांक श्रम/कार्मिक/2023 दिन 24/01/24में कलिंगा कंपनी में नौकरी देने का आश्वासन भी दिय गया था तथा वर्णित पत्र जारी करके नौकरी तथा जीविकोपार्जन रोजगार के लिए निर्देश दिया। जबकि विस्थापित के द्वारा एनसीएल मुख्य महाप्रबंधक अमलोरी परियेाजना, जिला कलेक्टर सिंगरौली, भूअर्जन अधिकारी सिंगरौली के साथ ही विधायक सिंगरौली को भी कई बार आवेदन दिया परन्तु अब तक उसे रोजगार नहीं मिल पाया।
विस्थापित रामाशंकर ने बताया कि लम्बे समय से वह रोजगार के लिए आफिसों के चक्कर लगा रहा है परन्तु उसे अब तक मात्र आश्वासन ही मिला है। विस्थापित ने बताया कि अब वह बुरी तरह परेशान हो चुका है, उसके पास जीविकोपार्जन के लिए कोई साधन नहीं है। यदि उसके साथ जल्द न्याय नहीं किया गया तो वह हारकर आमनण अनशन, भूख हड़ताल करने को मजबूर हो जायेगा।
ज्ञात हो कि बीते दिनों जिला कलेक्टर द्वारा जिले की ओबी कंपनियों के साथ बैठक कर यह निर्देश दिया था कि स्थानी ओबी कंपनियों में 70 प्रतिशत स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार प्राथमिकता के आधार पर देना सुनिश्चित करें। अब देखने वाली बात यह है कि स्थानीय ओबी कंपनियां जिला कलेक्टर के आदेश का कितना पालन करती हैं।

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