सिंगरौली~: नए औद्योगिक संबंध विवाद के निपटारे हेतु नई कमेटी का गठन एनसीएल में किया जा रहा है जिसमें वर्किंग कमेटी गठन में प्रबंधन सिर्फ श्रमिक संघ के पदाधिकारी का ही नाम आपस में बैठकर नाम लेकर गठन करने के फिराक में था जबकि परियोजना क्षेत्र में कार्यरत कोई भी कर्मचारी वर्किंग कमेटी में अभ्यर्थी के रूप में फॉर्म भरकर वर्किंग कमेटी में शामिल हो सकता है जिसमें अमलोरी परियोजना में कार्यरत मनोज कुमार सिंह जो की इंटक से मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय कोलरी मजदूर संघ अमलोरी परियोजना के संगठन के अध्यक्ष हैं। इनके द्वारा अपना फॉर्म भरकर परियोजना के आवक जावक पंजी में दर्ज करा कर फार्म दिया गया जिसका उनको एक प्रति भी प्राप्त हुई। जिस पर कार्मिक प्रबंधन एनसीएल अमलोरी परियोजना द्वारा कहा गया कि आपके द्वारा जमा किया गया फॉर्म हम अमान्य करते हैं जिस पर उन्होंने विरोध किया कि मैं भी एक कर्मचारी हूं एवं परियोजना में कार्यरत है। वर्किंग कमेटी गठन की जानकारी प्रबंधन के द्वारा सिर्फ अपने चुनिंदा कर्मचारी को दी गई थी जो की आज हमें किसी माध्यम द्वारा प्राप्त हुई है एवं हमारे संघ को भी इसकी सूचना प्राप्त नहीं हुई कृपया वर्किंग कमेटी में मेरा भी नाम शामिल कर परियोजना एवं कर्मचारी के कल्याण हेतु अभ्यर्थी के रूप में शामिल किया जाए। जिस पर प्रबंधन द्वारा नाम ना लेने का बात कही गई। अब देखना यह है कि क्या प्रबंधन इनका नाम शामिल करती है। अगर नहीं शामिल करती तो राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ इंटक लेबर कोर्ट एवं हाई कोर्ट जाने के लिए भी तैयार है जिसकी समस्त जिम्मेदारी एनसीएल अमलोरी परियोजना प्रबंधन की होगी।
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एनसीएल क्षेत्र में हो रही वर्किंग कमेटी के गठन में एनसीएल के अमलोरी परियोजना मैं दिखा भेदभाव
