मुख्यमंत्री में पानी की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए व्यक्तिगत रुचि लें- अजयसिंह
भोपाल एक मई 2024
पूर्व नेता प्रतिपक्ष और विधायक अजयसिंह ने मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में जल संकट को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि गांव वाले पानी की कमी से हलाकान हैं और प्रशासन मौन है। जब प्रशासन को पता चला कि हर साल पानी का स्तर नीचे है, तो जल संकट गहरा गया है, तो जनवरी माह से ही तैयारी क्यों नहीं की गई। उन्होंने शासन-प्रशासन की वकालत पर आश्चर्य व्यक्त किया है और कोई विशेष बात नहीं है, बल्कि पूरे रीवा कमांडर के सभी छात्रावासों के लिए पानी की वैकल्पिक व्यवस्था करने का मुख्यमंत्री से आग्रह किया है।
अजयसिंह ने कहा कि सीधे-सीधे जिलों में वर्षों से जंगल खाली पड़े हैं लेकिन शासन-प्रशासन को कोई चिंता नहीं है। उन्हें पानी की कमी का एहसास ही नहीं है क्योंकि उनके घर में तो भरपूर पानी आ रहा है। आम आदमी है. उन्हें पानी के लिए दरबदर भटकाना पड़ रहा है। अकेले जिलों में अधिकारी, कर्मचारी, क्लर्क और मैकेनिक के 31 पद रिक्त हैं। उपयंत्री के अन्य पद खाली पड़े हैं। यह विचारक की बात है कि बिना स्टाफ और संसाधन के काम कैसे होगा। यही कारण है कि मैकेनिकल हैंडपंप की रिकवरी नहीं पहुंच पा रही है। जिले में लगभग बीस हजार हैंडपंप हैं। लेकिन आलम यह है कि एक मैकेनिक के बूटे के जिम्मे करीब तीन हैंडपंप हैं। यह शासन की भव्यता का नमूना है। फैक्ट्री एक मैकेनिक को अधिकतम 60 हैंडपंप की जिम्मेदारी दी जा सकती है। जनता हैंडपंपों में राइजिंग पाइप बढ़ाने की मांग कर रही है। सिंह ने कहा कि उन्हें शिकायत मिली है कि हैंडपंपों में सुविधा शुल्क न मिलने तक हर महीने सुधार नहीं हो रहा है। रेलवे स्टेशन के कर्मचारियों की जिम्मेदारी विभाग की ओर से जारी की गई है। राइजिंग पाइप का काम सिर्फ कागजों में चल रहा है।
सिंह ने कहा कि सीधे जिले में जलजीवन मिशन का पानी का सपना केवल देखने के लिए बनाया गया है क्योंकि करोड़ों का बजट खर्च होने के बाद भी गांव वालों के घरों में लगी टोंटियों से पानी नहीं बचा है। जलजीवन मिशन में घटिया काम हुआ है और अधिकारियों से लेकर संत-गांठ के बाकी धार्मिक कार्यों के बाद भी किसानों को पूरा भुगतान कर दिया गया है। यह सब सब तब हो रहा है जब प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है। उन्होंने शासन से मांग की है कि समय रहते मध्य प्रदेश में पानी की समस्या का समाधान किया जाए अन्यथा क्षेत्र में बड़े जनांदोलन से इंकार नहीं किया जा सकता।