एनटीपीसी विन्ध्यनगर हास्पिटल में आध्यात्मिक सशक्तिकरण द्वारा स्वच्छ एवं स्वस्थ समाज कार्यक्रम का हुआ आयोजन

एनटीपीसी विन्ध्यनगर हास्पिटल में आध्यात्मिक सशक्तिकरण द्वारा स्वच्छ एवं स्वस्थ समाज कार्यक्रम का हुआ आयोजन

ब्रह्मकुमारीज द्वारा चिकित्सकों व चिकित्साकर्मियों के लिए आयोजित हुआ कार्यक्रम
सिंगरौली~:  प्रजापिता ब्रह्मा कुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय विंध्यानगर सिंगरौली सेवाकेंद्र द्वारा एनटीपीसी विंध्यनगर हॉस्पिटल में डॉक्टरों, नर्सों एवं चिकित्सा कर्मचारियों के लिए कॉन्फ्रेंस हॉल में कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसका विषय आध्यात्मिक सशक्तिकरण द्वारा स्वच्छ एवं स्वस्थ समाज रहा।
विंध्यनगर चिकित्सालय के प्रमुख सीएमओ डॉ. बी.सी. चतुर्वेदी जी, डॉ. प्रतिमा महेंद्र स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉ. राजपाल सिंह बालरोग विशेषज्ञ डॉ. बृजेश जैन एनेस्थीसिया एवं अन्य उपस्थित रहे।  ब्रह्माकुमारीज ग्वालियर से पधारी बीके ज्योति बहन गेस्ट फैकल्टी के रूप में उपस्थित रहे । अपर्णा बहन ने संस्था का परिचय दिया और बताया कि ब्रह्माकुमारीज मेडिकल विंग के माध्यम से डॉक्टर, नर्सों, चिकित्सा कर्मचारी को तनाव मुक्त, स्व प्रबंधन, व्यक्तिगत विकास एवं खुशनुमा जीवन बनाने के लिए राजयोग मेडिटेशन की ट्रेनिंग दी जाती है द्य विषय का परिचय देते हुए कहा कि स्वास्थ्य सेवा में सर्वप्रथम महत्व स्वच्छता को दिया जाता है एवं मरीज को भी स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाता है परंतु इसके भी उपरांत है आंतरिक स्वच्छता इसके प्रति जागरूक होने के लिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण बहुत अनिवार्य है ।
बीके ज्योति दीदी ने विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मन की स्वच्छता हमारे संबंधों को मजबूत बनाती है किसी के प्रति अगर हमारे भाव नेगेटिव एवं ईर्ष्या से भरे हुए हैं तो उससे मन हमेशा भारी रहेगा और समय के साथ उसका बोझ हमारे ऊपर बढ़ता जाएगा डॉक्टर एवं चिकित्सा कर्मचारी अपनी दिनचर्या में अनेक मरीजों के दु:खों को समझने एवं दूर करने का निरंतर प्रयास करते हैं यह ईश्वर द्वारा दी गई विशेष सेवा है ।  डॉक्टरों द्वारा कहे गए शब्द मरीज ध्यान से सुनते है एवं वह उन पर अमल भी करते हैं इसलिए हमेशा वरदानी बोल के द्वारा हमें उनका मनोबल बढ़ाना चाहिए। व्यस्त दिनचर्या में हॉस्पिटल की सेवाओ के साथ-साथ अपनी भी स्थिति का ख्याल रखना चाहिए। दीदी ने सभी को पॉजिटिव एफर्मेशन भी सिखाए और उनका प्रयोग जीवन में कैसे करना है वह भी बताया।  कार्यक्रम के अंत में राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास भी सभी को कराया।

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