सिंगरौली~: शासकीय व अशासकीय कॉलेज के स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रम में प्रवेश का पहला चरण 3 जून को पूरा हो गया। पहले चरण में ज्यादातर कॉलेजों की आधे से अधिक सीट खाली रह गई है। सबसे अधिक प्रवेश शासकीय लीड कॉलेज वैढऩ में हुआ है, लेकिन यहां भी अभी आधे से अधिक सीट खाली रह गई है। कॉलेज प्राचार्य अब दूसरे चरण में सीट भरने की उम्मीद कर रहे हैं।
इधर, निजी कॉलेज में कुछ को छोड़ दिया जाए तो प्रवेश का अभी भी श्रीगणेश नहीं हुआ है। कॉलेज संचालकों की माने तो दूसरे चरण के बाद प्रवेश के लिए छात्र-छात्राओं के आने का सिलसिला शुरू होगा। गौरतलब है कि जिले में 18 निजी कॉलेज हैं, जो विभिन्न पाठ्यक्रम संचालित कर रहे हैं।
दूसरे चरण में 19 जून से शुरू होगा प्रवेश
स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रम में प्रवेश के दूसरे चरण में 19 जून को सीट आवंटन के साथ ही शुल्क जमा करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। प्रवेश के लिए शुल्क जमा करने की अंतिम तारीख 27 जून तय की गई है। वर्तमान में दूसरे चरण की प्रक्रिया के तहत ऑनलाइन पंजीयन जारी है। 13 जून तक पंजीयन किया जा सकता है। दस्तावेजों का सत्यापन पंजीयन के साथ ही शुरू है। 14 जून सत्यापन की अंतिम तारीख घोषित की गई है। अग्रणी प्राचार्य के मुताबिक दूसरे चरण के बाद खाली रह गई सीट पर प्रवेश के लिए कॉलेज लेवल काउंसिलिंग शुरू होगी। कॉलेज लेवल काउंसिलिंग के लिए 20 जून से ही पंजीयन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। 19 जुलाई तक प्रवेश प्रक्रिया पूरा करना है।
अपग्रेडेशन की प्रक्रिया 22 जुलाई तक चलेगी।
उच्च शिक्षा विभाग की ओर से जारी शेड्यूल के मुताबिक स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए तीन जून तक फीस जमा करने की अंतिम तारीख घोषित की गई थी। शासकीय लीड कॉलेज वैढऩ में बीए में 229, बीकॉम में 141, बीएससी बायो में 236 और बीएससी गणित में 42 छात्र-छात्राओं ने प्रवेश लिया है। बता दें कि इस कॉलेज में बीए में 560 सीट, बीएससी में 480 सीट और बीकॉम में 380 सीटों पर प्रवेश लिया जाना है। अग्रणी कॉलेज के प्राचार्य का कहना है कि दूसरे चरण की प्रक्रिया में यहां प्रवेश के लिए छात्र-छात्राओं की संख्या में तेजी से बढ़ेगी।
सबसे कम रजमिलान कॉलेज में प्रवेश
लीड कॉलेज के अलावा मॉडल कॉलेज, गर्ल्स कॉलेज वैढऩ व गर्ल्स कॉलेज सिंगरौली में भी 200 से अधिक छात्र-छात्राओं ने प्रवेश लिया है। जबकि बाकी के अन्य कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या 50 तक सीमित होकर रह गई है। रजमिलान कॉलेज में सबसे कम प्रवेश हुआ है। वहां प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या 25 तक ही सीमित है।
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