विस्थापितों के सवालों पर भाग खड़ी हुयी नापी करने गयी टीम

विस्थापितों के सवालों पर भाग खड़ी हुयी नापी करने गयी टीम

मोरवा विस्थापन का मामला: जद्दूडांड में विस्थापितों द्वारा रेट व बसाहट की व्यवस्था के सवाल पर चुप रही नापी करने गयी टीम

सिंगरौली~:   बीते दिनों मोरवा में किए गये भू-अर्जन और उसमे बने मकानों की नापजोख करने के लिए एनसीएल, टीआईएसएस, जिला प्रशासन व सुरक्षा विभाग की टीम वार्ड नंबर-10 के जद्दूडांड पहुंची। यह वहीं एरिया था, जहां पर 2011 में जयंत व दुद्धिचुआ परियोजना ने भू-अर्जन किया था। ठीक वहीं से नाप-जोख करके सर्वेक्षण करना चाह रही थी। इसकी जानकारी होते ही सिंगरौली पुनर्स्थापन मंच की ओर से वार्ड नंबर-9 के पार्षद शेखर सिंह, अभ्युदय सिंह, विनोद कुरुवंशी, चंदन सिंह, आलोक यादव, भूपेन्द्र गर्ग सहित अन्य सदस्यों ने पहुंचकर टीम से कई सवाल किये। अपने सवालों का संतोषजनक जवाब न पाकर मंच के सदस्यों ने उन्हें वापस लौटने पर मजबूर कर दिया। एसपीएम की ओर से विनोद सिंह, कुरुवंशी ने टीम के सदस्यों से पूछा कि जिस घर को नाप रहे हैं तो उस घर के मालिक को क्या देगें? कितना पैसा देंगे, उन्हें कहां बसाएंगे? शेखर सिंह ने कहा कि हमने मंत्री जी से भी कहाकि हमने टीम से पूछा कि आप प्लॉट की जगह पर क्या देंगे, जमीन का रेट कितने रूपये वर्ग फीट में देंगे, क्या सुविधाएं देंगे। वह नहीं बता पाये तो उनसे कहाकि तो फिर नापी करने क्यों आए हो? नापी तभी होगा, जब हमें उपरोक्त सवालों के जवाच मिलेंगे। जिसके बाद टीम वापस लौट गयी।
मौके पर पहुंचे लोगों ने कहाकि जिस प्रकार सब कुछ चताया जाता है, उसी प्रकार हमें हमारे मकानों का रेट, बसाहट और दी जानी वाली सुविधाओं को एनसीएल अखबार में प्रकाशित करा देगा तो हम नाप-जोख कराने लगेंगे। एसपीएम टीम के हर सदस्य ने टीम में शामिल लोगों से यही सवाल पूछे। कहाकि एनसीएल को यह सब बताने और प्रकाशन कराने में आपत्ति क्रों है? गौरतलब है कि नापी के लिए कुल 15 टीमें आयी हुई श्रीं, जिसमें एनसीएल का एक ओवरसियर, एक सर्वेयर और टीआईएसएल से 4-5 लोग शामिल थे। इसी प्रकार की कुल 5 टीमों में 25 से 30 लोग और कई सुरक्षा कर्मी शामिल थे।
सतेन्द्र साहू ने टीम से बातचीत करते एसपीएम के टीम के सदस्यों को फोन से जानकारी दे दी। आनन- फानन पहुंचे लोगों ने भी विस्थापन मुआवजा और बसाहट के लिए सवाल पूछे। इसी सबके बीच सैकड़ों लोग जमा हो चुके थे, एनसीएल के तीन-चार सुरक्षाकर्मी भी सुरक्षाकमा भीड़ के बीच घिरे हुए थे। अंतत: लोगों ने विरोध शुरू कर दिया और नापी करने आयी टीम बेरंग वापस हो गयी।जैसे ही टीम की बस जहूडांड पहुंची, पूर्व में विस्थापित हो चुके सतेन्द्र साहू व उनके पड़ोसियों ने टीम से परिचय पूछा। तो उन्होंने नापजोख करने वाली टीम होने की जानकारी दी। सतेन्द्र साहू ने अपने पड़ोसी भरत लाल साहू, बाबूराम साहू और सालिग्राम साहू व अन्य को बुल्ला लिया। कहाकि मुआवजा क्या दोगे, नौकरी कच मिलेगी और रेट व भुगतान कथ हो जायेगा? यह लिखकर दीजिए उसके बाद ही नापी होगी। क्योंकि 2010 में विस्थापन का लाभ अभी तक उन्हें नहीं मिला है। दोबारा ऐसा नहीं होने देंगे।विस्थापित होने वाले लोग कुछेक मुद्दों में दो धड़ों में बंट गये हैं। एसपीएम ने बिना रेट व अन्य प्रकार की जानकारी सार्वजनिक करने से पूर्व नापी करने पर विरोध जताया। तो सिंगरौली विस्थापन मंच एसवीएम ने नाप कराने के लिए अपनी सहमति प्रदान की। बीते दिवस भी कोयला राज्यमंत्री के आगमन पर भी लोग अपनी मंशा जता चुके हैं। जिस प्रकार मंगलवार को एनसीएल की टीम को वापस जाने पर मजबूर कर दिया गया है। उसके बाद से विस्थापितों के बीच तनातनी की स्थितियां निर्मित हो रही हैं।

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *