सिंगरौली~: सिंगरौली जिला एवं भ्रष्टाचार का एक गहरा संबंध रहा है सिंगरौली जिले में सरकारी कार्यों में लंबे अरसे से होने वाले भ्रष्टाचार को लेकर कई मामले निकलकर सामने आ चुके हैं ऐसा ही एक मामला नव निर्मित नगर परिषद से निकलकर सामने आया है जिस्म की निर्माण कार्य के नाम पर लाखों रुपए के भ्रष्टाचार का आरोप लग रहा है।नगर परिषद सरई क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 14 में पिछले पखवाड़े रामलखन के घर से यादव के घर तक करीब एक किलोमीटर दूरी तकरीबन 15 लाख रूपये अधिक लागत से डब्ल्यूबीएम का कार्य कराया गया था। अपने निर्माण कार्य के महत्व 30 दिनों में ही सड़क की गुणवत्ता की पोल खुल कर सामने आ गई है जिले में हुई कुछ दिन की बारिश के बाद नवनिर्मित सड़क टूटे लगी है ।जिसके बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।वही जनता में नाराजगी है
रहवासियों ने लगाया कमीशनखोरी का आरोप
आरोप है कि नगर परिषद सरई दफ्तर इन दिनो कमीशनखोरी का अड्डा बन गया है। आलम यह है कि सक्रिय दलालो के माध्यम से 10 से 15 प्रतिषत कमीशन बंदरबाट की जा रही है। जो जितना ज्याद कमीशन देगा उस कथित ठेकेदार कार्यों का मूल्यांकन प्राथमिकता के साथ किया जायेगा। स्थानीय लोगों का यह आरोप है कि कमीशनखोरी का यह खेल कुछ महिनों से ज्यादा तेज हो गया है। इस पर नगर परिषद के अध्यक्ष एवं सीएमओ अब तक अंकृक्ष लगाने में नाकाम साबित हो रहे है। वही दफ्तर में बढ़ते कमीधनखोरी को लेकर नगर परिषद की जमकर किरकिरी भी हो रही है। वही यह भी चर्चा है कि नगर परिषद अध्यक्ष स्वंम अपने विवेक से काम नहीं कर पा रही है।आरोप लगा है कि एक चर्चित पार्षद के दिन अच्छे आ गये है।सड़क के नाम पर टेण्डर जारी कर आननफानन में सड़क का भले ही निर्माण करा दिया गया, लेकिन उक्त सड़क एक बारिश भी नहीं झेल पाई और चंद दिनो में ही सड़क की गिट्टिया निकलते हुये सड़क ध्वस्त हो गई। आरोप है कि डब्ल्यूबीएम सड़क कमीचनखोरी के भेट चढ़ गई।
लोगों ने बताया है कि कोलान टोला रामलखन के घर से यादव बस्ती तक करीब 15 लाख रूपयें की लागत से 30 दिनो पूर्व संविदाकार के द्वारा डब्ल्यूबीएम सड़क का निर्माण कार्य कराया गया था। जहा सडक निर्माण कार्य के दौरान हो मुरूम के स्थान पर भस्सी का इस्तेमाल किये जाने पर स्थानीय रहवासियो ने आपात्ति जताते हुये विरोध कर नगर परिषद अध्यक्ष एवं सीएमओ को भी अवगत कराया गया था। किंतु संविदाकर पर मेहरबान नगर परिषद के द्वारा कोई कार्रवाई नही की गई।
मानकों की अनदेखी का आरोप
मिली जानकारी के अनुसार उक्त डब्ल्यूबीएम सड़क निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप कार्य नहीं कराया गया। चर्चाए है कि करीब डेढ़ महिने पहले पहुंच मार्ग में मिट्टी भरने का कार्य हुआ व मिट्टी को कम्प्रेस नही किया गया इसके बाद संविदाकार ने डब्ल्यूबीएम का कार्य करा दिया। लिहाजा डब्ल्यूबीएम कार्य होने के एक पखवाड़े के अंदर ही सड़क तहस नहस होने लगी। वही मुरूम की जगह पर भस्सी का उपयोग कर दिया। वार्ड वासियो का आरोप है कि संविदाकार ने किस प्राकलन के आधार पर भस्सी डाला है और निर्धारित प्रकलन के अनुसार सड़क का कार्य क्यो नहीं किया।
कोई रोकटोक नहीं किया गया। लिहाजा लाखो रूपये की लागत से निर्मित डब्ल्यूबीएम सड़क गुणवत्ता विहीन होने के चलते एक बारिष भी नहीं झेल पाई। कई वार्डवासियो के द्वारा आरोप लगागा जा रहा है कि उक्त सड़क कमीशन खोरी के भेट चढ़ जाने से पहली तेज बारिश में टूट गई। और डब्ल्यूबीएम सड़क कि गिटिट्या बाहर आ गई। इसी तरह बारिश होती रही तो सड़क का नामोनिशान मिट जाएगा
फिलहाल लाखो रूपये की लागत से निर्मित डब्ल्यूबीएम सड़क 30 दिनों के अंदर क्षतिग्रस्त होने एवं गुणवत्ता विहीन कार्य की पोल खुलने पर वार्डवासियो ने नगर परिषद के अध्यक्ष एवं सीएमओं पर कई तरह के सवाल खड़ा करते हुये इसकी जाँच कराये जाने की मांग कलेक्टर से की है।
इनका कहना है
उक्त मामले पर नगर परिषद उपाध्यक्ष विजय गुप्ता ने कहा कि अनियमित पाए जाने पर संविदा कर के ऊपर कारवाई हो और फिर से सड़क निर्माण कराई जाए.