एनसीएल ने डीजीएमएस के साथ मिलकर वृहद् मशीनों के ‘सुरक्षित परिचालन और रखरखाव पर आयोजित किया राष्ट्रीय सेमिनार

एनसीएल ने डीजीएमएस के साथ मिलकर वृहद् मशीनों के ‘सुरक्षित परिचालन और रखरखाव पर आयोजित किया राष्ट्रीय सेमिनार

देश भर से 180 से अधिक प्रतिभागी हुए शामिल
सिंगरौली~;   बीते दिनों भारत सरकार की मिनीरत्न कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) ने खान सुरक्षा महानिदेशालय(डीजीएमएस) के साथ मिलकर ओपनकास्ट खदानों में वृहद् मशीनों के ‘सुरक्षित परिचालन और रखरखाव की सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का भव्य आयोजन किया।सेमिनार का उदघाटन श्री एस.डी. चिद्दरवार, उप. महानिदेशक (खान सुरक्षा), उत्तरी क्षेत्र ने बतौर मुख्य अतिथि किया। इस अवसर पर श्री चिद्दरवार ने एनसीएल को विशिष्ट उपलब्धियों के लिए बधाई दी व सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि सिंगरौली परिक्षेत्र की सभी खुली खदानें मशीनीकृत हैं। उन्होने तथ्यात्मक विश्लेषण करते हुए खदानों में परिवहन से जुड़ी मशीनों के सुरक्षित संचालन को खदान सुरक्षा के दृष्टिगत अहम बताया। साथ ही उन्होने मशीन संचालन व रख रखाव से जुड़े कर्मियों के सतत प्रशिक्षण हेतु भी आह्वान किया। उन्होने इस सेमिनार के परिचर्चा व निष्कर्षों को सिंगरौली परिक्षेत्र की खदानों मे नियोजित मशीनों के सुरक्षित परिचालन के लिए महत्वपूर्ण बताया।इस अवसर पर सेमिनार की अध्यक्षता कर रहे एनसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक श्री बी. साईराम ने मशीनीकरण को एनसीएल की शान बताते हुए मशीनों की सुरक्षा पर केन्द्रित विषय वस्तु के आलोक में इस सेमिनार को ‘मेकेनिकल सेमिनारÓ की संज्ञा दी। उन्होने कोल इंडिया में एनसीएल की भागीदारी को रेखांकित करते हुए कहा कि एनसीएल कोल इंडिया की 6 प्रतिशत श्रम शक्ति के साथ 18त्न कोयला उत्पादन व 26त्न अधिभार हटाती है। उन्होने बताया कि एनसीएल द्वारा कुल प्रेषित कोयले का 84त्न हिस्सा हरित विधियों से भेजा जा रहा है। साथ ही कहा कि वर्ष 2026 तक महत्वकांक्षी एफ़एमसी परियोजनों के बल पर एनसीएल 95त्न कोयला हरित विधियों से भेजेगी। अपने उदबोधन में उन्होंने मशीनों के सुरक्षित संचालन के लिए अनुशासन को महत्वपूर्ण बताया व सुरक्षित प्रथाओं को आदत की तरह आत्मसात करने हेतु आह्वान किया। उन्होने नियमित प्रशिक्षण, श्रमशक्ति का कौशल विकास, सुरक्षा नियमावलियों के प्रति जागरूकता व सतत निरीक्षण को सुरक्षित कार्य संस्कृति के लिए अनिवार्य बताया।सेमिनार में निदेशक (कार्मिक) श्री मनीष कुमार, निदेशक (वित्त) श्री रजनीश नारायण, निदेशक(तकनीकी/संचालन) श्री जितेंद्र मालिक, निदेशक (तकनीकी/योजना एवं परियोजना) श्री सुनील प्रसाद सिंह, सीवीओ एनसीएल श्री रविंद्र प्रसाद, खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) के वरिष्ठ अधिकारीगण, एनसीएल के महाप्रबंधकगण/विभागाध्यक्ष , एनसीएल के जेसीसी सदस्य, सुरक्षा बोर्ड के सदस्य एवं अन्य गणमान्य भी उपस्थित रहे।
सेमिनार में एनसीएल सहित कोल इंडिया की विभिन्न अनुषंगी कंपनियों, सासन पावर, जेपी, एपीएमडीसी, ओईएम, आउटसोर्सिंग कंपनियाँ, खनन क्षेत्र से जुड़े विभिन्न प्रतिष्ठानों के 180 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सेमिनार के उद्घाटन के दौरान शोध पत्रों की एक स्मारिका का विमोचन भी किया गया। सेमिनार में टिप्पर कोलिसन, प्रौद्योगिकी अनुकूलन, टक्कर रोधी उपकरण, अग्नि स्वचालन नियंत्रण, अग्निशामक यंत्र, ऑपरेटर की योग्यता, लोटो, भारी मशीनों के संचालन और रखरखाव के क्षेत्र में नवीनतम तकनीक जैसे विषयों पर शोध पत्र प्रस्तुत किए गए ।सेमिनार में शोध पत्र प्रस्तुति के दौरान विभिन्न विषयों पर गहन मंथन किया गया। इस अवसर पर कर्मियों ने खदान में कार्य के दौरान आने वाली समस्याओं एवं उनके समाधान पर भी चर्चा की ।सेमिनार की भव्य सफलता एवं आयोजन में डीजीएमएस पदाधिकारियों एवं महाप्रबंधक (सुरक्षा एवं बचाव), एनसीएल श्री राजेन्द्र वर्मा व उनकी टीम की अहम भूमिका रही।गौरतलब है कि एनसीएल खान सुरक्षा महानिदेशालय(डीजीएमएस) के तत्वावधान में पिछले 2 वर्षों से लगातार खान सुरक्षा से जुड़े विभिन्न विषयों पर सेमिनार का आयोजन कर रही है।

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